धनबाद झरिया असलम अंसारी । डीग्वाडी मांझी बस्ती मैं शिक्षा के दीप निर्धन असहाय व्यक्तियों के बच्चों को निशुल्क नामांकन करके शिक्षा की विकास तेजी से कर रहा है।। सेंड चिश्ती शाहिद मेमोरियल एकेडमी निर्देशक एचके सुरैया एवं प्रिंसिपल शमीम अहमद ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि 2 वर्ष करुणा काल में बच्चों का भविष्य बुनियादी सुविधाओं से काफी दूर हो गया था। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय में योग शिक्षकों के द्वारा ऑनलाइन शिक्षा दी गई थी परंतु नर्सरी एवं केजी 1k छात्र छात्राओं को घोर कठिनाई का सामना करना पड़ा एवं शिक्षा से वंचित हो गया था विद्यालय खुलते के साथ अभिभावकों से संपर्क करते हैं निशुल्क नामांकन जारी कर दिया गया है। अभिभावक इसका लाभ उठा रहे हैं और अपने बच्चों को विद्यालय में नामांकन करा रहे हैं। श्री अहमद ने बताया कि अभिभावकों बच्चों को भविष्य को देखते हुए छात्र-छात्राओं पर अधिक समय देना होगा और समय पर विद्यालय भेजना होगा जिससे कि योग शिक्षकों एवं शिक्षिकाएं उन बच्चों को समय पर पढ़ा सके एवं विद्यालय के द्वारा जो उन्हें बताया जाए उन पर उनको घर में बैठा कर अपने बच्चों को गाइडलाइन का पालन करवाएं। प्रिंसिपल साहब ने गार्जियन को कहां है कि आप अपने बच्चों को पिछले 2 वर्ष की तुलना में बच्चों को मानसिकता को शिक्षा की ओर से जो भटक गए हैं वह बच्चा को अधिक समय देना होगा तभी जाकर जो कमी शिक्षा हुई है उसे पूरा किया जा सकता है। विद्यालय के बाद अपने अपने घरों में भी बच्चों के पीछे ध्यान देना होगा जिससे कि छात्र छात्राओं को शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए समय-समय पर विद्यालय भी आना होगा तभी जाकर बच्चों का भविष्य मैं सुधार होगा। इस बीच निर्देशक एचके सुरैया ने कहा कि छात्र-छात्राओं के पीछे घर में मां को भी अधिक बच्चे के पीछे ध्यान देना होगा और समय पर विद्यालय भेजना होगा तभी जाकर बच्चों का बुनियादी शिक्षा मजबूती होगी। उन्होंने जोर देकर कहा है कि पिछले 2 वर्षों से महामारी के कारण शिक्षा पर ग्रहण लग गया था। अब हम लोग विद्यालय में काफी मजबूती के साथ शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए बच्चों का भविष्य पर ध्यान दे रहे हैं। और मांझी बस्ती स्थित डिगवाडी मांझी बस्ती जैसा स्थान में गरीबों एवं निर्धन लोगों का गुजर बसर होता है और उस बीच में शिक्षा के दिए जलाया जा रहा है
साथी गरीबी रेखा से गुजरबसर करने वाले को निशुल्क हमेशा लिया जाता है और अभी सभी वर्ग के लिए अलग-अलग शिक्षक एवं शिक्षिकाएं है सभी का सहयोग से आज विद्यालय में पढ़ाई किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय से कई छात्र-छात्राओं ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर कई अधिकारी बन चुके हैं।