जमुई बिहार/संवाददाता/ चुन्ना कुमार दुबे/ बिहार विधानसभा में विधायक संजय सरावगी ने आज एक बार फिर लखीसराय मामले को उठाया। उन्होंने सदन में कहा कि निर्दोष को पकड़ा जाता है और लखीसराय जिले में दोषी पर अब तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। लेकिन आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में गुस्सा हो गये। वे सदन में पहुंच कर खुद इस मामले में बोलने लगे। नीतीश कुमार बेहद आक्रामक अंदाज में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि रोज – रोज एक ही बात नहीं उठाना चाहिए। नीतीश कुमार ने कहा कि इस तरह हाउस नहीं चलता है। रिपोर्ट आएगी तो उस पर जांच किया जायेगा। यहां सदन में बार – बार सवाल नहीं उठाना चाहिए। सीएम नीतीश ने कहा कि आप इंटर फेयर नहीं कर सकते मेरे कहने पर मंत्री जवाब देते हैं। हम न किसी को बचाते हैं न फंसाते हैं। नीतीश ने अध्यक्ष से कहा कि आप सुन लीजिये , अपने इलाके के किसी बात को लेकर इस तरह हउस नहीं चल सकता है। आप कौन होते हैं सदन को स्थगित करने के लिए।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आज मैं पूछूंगा डिपार्टमेंट से इस मामले में कितना काम हुआ है। कौन सा काम किसे करना है वह सब निर्धारित है। नीतीश कुमार ने कहा कि हम पहली बार देख रहे हैं सदन में ऐसा आज तक नहीं हुआ है। अगर इस के बारे में कोई भ्रम है तो आज ही मीटिंग बुलाएंगे। नीतीश कुमार इतने गुस्से में थे कि जब वह बोल रहे थे तो सदन में सन्नाटा छा गया।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष भी बोलने लगे। नीतीश कुमार के गुस्से पर अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि हमको तो आप सब मिल कर बैठाएं हैं। आप लोगों ने ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष बनाया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इतने बड़े आसन पर बैठ कर हम क्षेत्र का सवाल तक नहीं हम उठा सकते हैं। अगर आप बीच – बीच में बोलियेगा तो हम कभी आप की बात नहीं सुनेंगे। हउस में जिन लोगों को जो उचित लगे वह सवाल उठाएं। किसी को अकारण उठाने की जरूरत नहीं है।
सीएम नीतीश के बयान पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि पुलिस के द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है। जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं। जिस मामले की बात हो रही है उसके लिए तीन बार सदन में हंगामा हो चुका है। मैं विधायकों का कस्टोडियन हूं। मैं जब भी क्षेत्र में जाता हूं तो लोग सवाल पूछते हैं कि थाना प्रभारी और डीएसपी का क्या हुआ ? आसन को हतोत्साहित करने की बात ना हो। सरकार गंभीरता से इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।
उल्लेखनीय है कि मामला लखीसराय के डीएसपी और दो थानेदारों के ऊपर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार किए जाने से सम्बंधित है। इस मामले में बीजेपी के दो विधायकों ने सदन के अंदर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया और राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी तक को विधानसभा में तलब किया गया था। विधानसभा में बीएसपी और थानेदारों को हटाए जाने का ऐलान खुद स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने किया था। इस पर अब तक कोई कार्रवाई न होने से विधानसभा में बीजेपी और राजद के विधायक सवाल उठाते रहते हैं। लेकिन आज सीएम नीतीश इस पर गुस्सा हो गये।