झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले नियोजन नीति से भोजपुरी व मगही को हटाने के लिए रैली निकाली

संगीत का धुन ,
पारंपरिक हथियार ,
हाथों में तख्ती
और हेमन्त सोरेन मुर्दाबाद का नारा
और लड़ कर लिया झारखंड
लड़ कर लेंगे झारखंडी अधिकार

भूली / प्रतिनिधि / तरुण चंद्र राय / झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के बैनर तले हजारो का हुजूम सड़क पर निकला।
हाथों में तख्ती लिए महिला पुरुष भोजपुरी व मगही भाषा को नियोजन नीति से बाहर करने की मांग कर रहे।
रैली में झारखंड की परम्पतिक नृत्य और पारम्परिक वाद्य यंत्र के साथ पारंपरिक हथियार लिए महिला पुरुष रैली में शामिल हुए।

जब से झारखंड सरकार ने भोजपुरी मगही और अंगिका को स्थानीय भाषा का दर्जा दिया और नियोजन नीति में धनबाद व बोकारो जिला में भोजपुरी व मगही भाषा को शामिल किया है।
तभी से बोकारो व धनबाद में भाषा के आधार पर आंदोलन सुरु हुआ और आज भुली में झारखंडी भाषा संषर्ष समिति के बैनर तले हजारो लोग सड़क पर उतरे।

झारखंडी भाषा संघर्ष समिति ने भुली के एमपीआई मैदान में सभा की और किसी भी कीमत पर बाहरी भाषा को लागू किये जाने का विरोध जारी रखने और मांग पूरी होने तक आंदोलन को आगे बढ़ाने को लेकर तैयार रहने की बात कही गई।

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