धनबाद / भाजपाइयों के द्वारा एक अल्पसंख्यक को पीटने और थूक चटाने के मामले में 9 जनवरी से जेल में बंद जीतेन्द्र साव व संजय शर्मा को सुलह के बाद भी अदालत से राहत नहीं मिली।मंगलवार को दोनों की जमानत अर्जी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह की अदालत ने खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान जिले के कई भाजपाइ कोर्ट परिसर के इर्द-गिर्द मौजूद थे।
बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता शाहनवाज व नरेंद्र त्रिवेदी ने दलील देते हुए कहा कि राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर यह पूरी प्राथमिकी दर्ज की गई है । सभी आरोप निराधार है। आरोपी ने धरना दे रहे भाजपाइयों को गाली दिया था जिसके कारण उसके साथ केवल धक्का-मुक्की हुई थी । मामले में दोनों पक्षों ने सुलह कर लिया है सुलहनामा भी दाखिल की गई है । वहीं अदालत के समक्ष सूचक को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा पेश भी किया गया जहां सूचक ने सुलह की बात भी बताई बावजूद इसके अदालत ने दोनों को राहत देने से इंकार कर दिया। जमानत अर्जी का विरोध अपर लोक अभियोजक जब्बार हुसैन ने किया और कहा कि आरोपियों द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की गई है पीड़ित पर जानलेवा हमला किया गया है
क्या है मामला
आठ जनवरी को भाजपा की महानगर इकाई मिश्रित भवन पर बापू की प्रतिमा के समक्ष कांग्रेस सद्बुद्धि मौन प्रदर्शन कर रहे थे। भाजपाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में हुई चूक के विरोध में यह मौन प्रदर्शन कर रहे थे। उसी वक्त वासेपुर निवासी जीशान वहां पहुंच गया और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के बारे में आपत्तिजनक शब्द कहने लगा था। जिसके बाद वहां मौजूद सभी भाजपाई उस पर टूट पड़े और जमकर पिटाई कर उसे थूक भी चटवाया। इसी मामले में सीएम ने ट्वीट किया जिसके बाद पुलिस रेस हुई और भाजपाइयों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी हुआ। जीशान के भाई के लिखित शिकायत पर धनबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों जितेंद्र साव एवं संजय शर्मा को गिरफ्तार किया था ।