झरिया पुनर्वास को लेकर बी सी सी एल,मुख्यालय कोयला भवन में अधिकारीयों की संयुक्त बैठक समीक्षा किया गया

पिछले दिनों झरिया पुनर्वास को लेकर बी सी सी एल,मुख्यालय कोयला भवन में जे आर डी ए,सी एम पी डी आई, व कोयला अधिकारीयों की संयुक्त बैठक कोयला मंत्रालय के निर्देशन(तकनीकी) पीयूष कुमार की अध्यक्षता में की गई तथा वर्तमान परिस्थितियों की समीक्षा किया गया।

बैठक का निणर्य समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया। झरिया मास्टर प्लान के तहत अब नहीं बनेंगे, नये आवास निदेशक पीयूष कुमार ने कहा कि लोगों को पुर्नवासीत करने को लेकर वर्ष 2006 से ही कोशिश हो रही है, परंतु लोग हटने को तैयार नहीं है ।मास्टर प्लान के क्रियान्वयन के समय अब समाप्त हो चका है। अब नए सिरे से योजना बनाने की जरूरत है ।
  उपरोक्त बैठक में जितने भी निर्णय लिए गए, वह जनता के पक्ष में नहीं जाता है तथा अधिकारियों की अवैज्ञानिक सोच को दर्शाता है। भारत सरकार हो या राज्य सरकार  या सीआईएल ,सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और आदेश का पालन तो हर हाल में करना ही होगा ।

निर्णय की अवहेलना कतई नहीं की जा सकती है।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) झरिया विस्थापन और पुनर्वास को लेकर हमेशा गंभीर और आंदोलनरत रहा है। सीपीआई(एम) पूर्व राज्यसभा सांसद कामरेड बृंदा करात के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, तथा कोयला मंत्रालय से संबंधित कई मंत्रियों और उच्च अधिकारियों से मिलकर झरिया कोलफील्ड के विस्थापन की समस्या को “राष्ट्रीय आपदा” प्रबंधन के अंतर्गत घोषित किया जाए। इस मांग की अवहेलना नहीं की गई होती तो आज कोलफील्ड वासियों के समक्ष इतनी चुनौतियां खड़ी नहीं होती ।
आखिर हटने के लिए लोग क्यों नहीं तैयार हो रहे हैं। यह प्रश्न काफी गंभीर है , क्यों हटेंगे ? जहां की आवास बनाए गए हैं क्या वहां के लोगों के लिए सभी प्राथमिक सुविधाएं दी गई हैं या नहीं।
मास्टर प्लान के तहत अब कोई नया काम नही किया जायेगा, यह किसकी गलती है, कहां से कमजोरी है। इन सब की जांच और तहकीकात होनी चाहिए। विस्थापन, पुनर्वास जैसी समस्याओं का समाधान वैज्ञानिक सोच के आधार पर बेहतर रूप से किया जा सकता है।
सीपीआई(एम) मांग करती है कि पुनर्वास और विस्थापन में आर्थिक पहलू ( रोजगार ) , सामाजिक सुरक्षा , तथा प्रदूषण मुक्त वातावरण के अंतर्गत स्थापित हो।
उपरोक्त विषय पर समस्याओं के समाधान के लिए यदि सरकार, कोल इंडिया ,बीसीसीएल ,स्थानीय प्रशासन बलपूर्वक रवैया अख्तियार करती है तो भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) जन आंदोलन के माध्यम से जनता को गोलबंद कर संघर्ष को तेज करने का काम करेगा। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) आंदोलन के माध्यम से जनता को गोलबंद कर संघर्ष को तेज करने का काम करेगी।
झरिया लोकल कमेटी के सचिव सचिव शिवबालक पासवान ने पार्टी की ओर से प्रेस बयान जारी कर कहा।

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