गम्हरिया। भाजपा के भय और आतंक से आसंगी-इटागढ़ पुल का निर्माण कार्य पिछले सात वर्षों से अधूरा रहा। भाजपा के कार्यकाल में ग्रामीण विकास की बाट जोहते रह गए। सड़क, होटल, शैक्षणिक संस्थान, इंडस्ट्रीज से लेकर अनगिनत विकास कार्य भ्रस्टाचारियों के चंगुल में दब गयी। उस समय भाजपाई चुप थे। जबकि झामुमो के सत्ता में आते ही इस पुल का निर्माण से लेकर इसकी पहुंच पथ समेत 80 करोड़ की लागत से इसको 23 पंचायतों को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण की सौगात मंत्री चम्पई सोरेन ने दी है। यह पुल और इसको जोड़ने वाली सड़क किसी राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं, बल्कि 23 पंचायतों के उन ग्रामीणों के लिए है, जो सभी संगठनों से जुड़े हैं। शुक्रवार को ईटागढ़ में झामुमो बुद्धिजीवी मंच के जिला अध्यक्ष छाया कांत गोराई एवं वरिष्ठ नेता गोपाल महतो ने आसंगी पुल पर भाजपा के भ्रामक बयान पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह बातें कही। कहा कि भाजपा के रमेश हांसदा को पहले सरायकेला विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण कर विकास कार्यों की जानकारी हासिल करना चाहिए। उन्हें खुद पता नहीं है कि पुल निर्माण से पहले और बाद में कितनी तकनीकी समस्याएं आती है, जिसे दूर करने की जरूरत होती है। फिर पिछले सात साल तक पुल निर्माण की आवाज कहाँ गुम हो गयी थी। कहा कि पुल से जुड़े सड़क निर्माण की प्रक्रिया पिछले वर्षों से चल रही थी। कोरोना के कारण काम रुका था। सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। यह सड़क एनआईटी से लेकर हेंसल मेन रोड में मिल रहा है। ब्रिज नहीं होने से रोड कैसे होगा। ब्रिज तो कंप्लीट होगा, तभी सड़क जुड़ेगी। यह सड़क एनआईटी से आसंगी-इटागढ़ होते हुए महुलडीह, डूडरा, कुलूडीह से राजनगर के हेंसल मुख्य मार्ग से जुड़ेगी। कहा कि मंत्री चम्पई सोरेन की छवि को बदनाम करने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर भाजपा कार्यकर्ता अब ओछी राजनीति पर उतर गए हैं। इस अवसर पर बीटी दास, दुर्योधन प्रधान, वीर सिंह टुडु, राम कृष्ण महतो, हिमांशु मंडल, बबलू महतो, रविन्द्र महतो समेत कई झामुमो कार्यकर्ता उपस्थित थे।