बलौदाबाजार जिले के धान खरीदी केंद्रों में अन्नदाता अपनी उपज बेचने के लिए हुऐ तैयार

छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार / जिले के धान खरीदी केंद्रों में अन्नदाता अपनी उपज बेचने के लिए तैयार है । लेकिन खरीदी केंद्र में उपज पहुचाने के लिए कितना परेशान है जिसका आप अंदाज आप नही लगा सकते है।लचर वेवस्था और कर्मचारियों की मनमानी के कारण टोकन लेने के लिए किसान रात से ही खरीदी केंद्र में बैठे है।और जिसे टोकन मिल गया उसे बारदाना के लिए भटकना पड़ रहा है। ऐसे में भला कैसे खरीदी होगी किसान का एक एक दाना लेने का वादा सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है।
बलौदा बाजार जिले में जमीन पर तैयारियां पूरी है ।खरीदी केंद्र में साफ सफाई से लेकर रंग रोगन तक कर लिया गया है लेकिन खरीदी में जुड़े अधिकारी कर्मचारी पूरे सिस्टम को ठेंगा दिखा रहे हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं यह बाहर रखें पासबुक और खरीदी केंद्र के बाहर बैठे किसान बता रहे हैं कि किस तरीके से कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है । किसानों से धान खरीदी का अभियान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का काम है। वास्तविक किसानों को धान खरीदी से जुड़े किसी भी काम में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। धान खरीदी के संबंध में राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों से अधिकारियों को अवगत कराया गया है । लेकिन सारे दिशा निर्देश कागजों में ही अच्छा लग रहा है जमीनी हकीकत कुछ और है।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ होने जा रही है इसके लिए समितियों में तैयारी कर ली गई है वही इस साल जीलेे में 12000 नए किसान और जुड़े हैं इस तरह जिले में 1लाख 77हजार किसान हो गए जिससे 70 लाख क्विंटल धान की खरीदी शासन करेंगी जिसके लिए 1 करोड़77लाख बारदाने की जरूरत सिर्फ बलोदा बाजार जिले में है ।
अभीतक सिर्फ 60 लाख बारदाना धान खरीदने के लिए समिति में स्टाक किए गए है जिससे 15 दिनों की ही खरीदी हो सकेगी ऐसे में धान खरीदी सुचारू रूप से जारी रखने के लिए जिले में प्रतिदिन 4लाख 6000 बारदना की जरूरत पड़ेगी जिससे किसानों का तय समय में धान खरीदी पूरी की जा सके वहीं शासन द्वारा इस बार किसानों का धान के साथ-सथ
बारदाना भी खरीदी करेंगे जिसका 18 रुपया प्रति बारदाना के दर से किसानों को भुगतान होगा ।
सबसे बड़ा सवाल किसानों के द्वारा बाजार से 28 रूपए में बारदाना खरीदी की जा रही है जिसका शासन सिर्फ 18 रूपए देगी किसान को सीधा प्रति बारदाना 10 रुपया नुकसान है पर किसान धान बेचने के लिए यह नुकसान भी उठाने के लिए तैयार है।
बलौदा बाजार जिले में धान खरीदी के लिए 153 समितियों के 179 खरीदी केंद्र बनाए गए जिसके माध्यम से प्रतिदिन 1 लाख 62 हजार क्विंटल धान की खरीदी करनी पड़ेगी तब जिले में 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक यानी कुल 43 दिनों में 70 लाख क्विंटल धान 1 लाख 77 हजार किसानों के 1 लाख 91 हजार 500 हेक्टेयर जमीन की उपज की खरीदी हो पाएगी जिसके लिए प्रतिदिन 4 लाख 6000 बारदाने भी जरूरत है क्योंकि धान खरीदी के लिए सिर्फ कार्य दिवस 43 दिन का ही होता है और इस बीच पूरी खरीदी शासन को करनी है जो बहुत बड़ी चुनौती भी है।
बारदाने को लेकर किसानों का हंगामा
पिछले साल भी धान खरीदी में बारदाना की काफी किल्लत थी जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने अंतिम समय पर किसानों के बारदाना में धान खरीदी का ऐलान कर दिया जिसके पास बारदाना था वह किसान अपने समय पर धान बेच लिए मगर बाद में धान बेचने के लिए किसानों को टोकन से ज्यादा बारदाना जुगाड़ करने में मशक्कत करनी पड़ी और बाजार से ओने पौने दाम पर बारदाना लेना पड़ा इस तरह करीब 50लाख बारदाना किसानों ने समितियों को दी जिसका 15 रुपये के हिसाब से 7 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों करना था। लेकिन कई किसान ऐसे है जिसका भुगतान अभी भी नही हुआ है। इस बार यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि जिले में सिर्फ 15 दिनों के ही खरीदी की व्यवस्था है जो सिर्फ 60 लाख है जिसमें 45 लाख नए बारदाना और 15 लाख पीडीएफ से जिसकी क्वालिटी अच्छी नहीं है ऐसे में धान खरीदी प्रभावित हो सकता है क्योंकि एक करोड़ 77 लाख बारदानों की जरूरत है ।
भला ऐसे में आनन-फानन कर किसान बोरे में भरकर अपनी फसल को खरीदी केंद्र तक पहुंचा भी देता है तो कोई जरूरी नहीं है कि किसान का धान एक बार में खरीद लिया जाए यहां पर अच्छी गुणवत्ता एफएक्यू अनुसार धान में 17 प्रतिशत से अधिक नमी नहीं होने चाहिए। मिश्रण अधिकतम 6 प्रतिशत, डैमेज/डिस्कलर 5 प्रतिशत, अधपका एवं सिकुड़ा दाना 3 प्रतिशत एवं एक प्रतिशत फॉरेन मटेरियल से ज्यादा नहीं होने चाहिए।

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