पिछले 60 सालों से खानकाहे रूमी हसन रहा आध्यात्म का केंद्र

भिलाई / रूमी शाह र.अ. का उर्स पाक इस कड़ी में सबसे बड़े कार्यक्रम के रूप मे मनाया जाता है। जिसमें देश विदेश के दर्शनार्थी दर्शन करने आते है,परंतु सज्जादेंनशीन किबला सूफी सफीउद्दीन सादी मियां ने कोविड के नियमों के पालन करने का निर्देश दिया,इसलिये जायरीन कम से कम संख्या में आये। सज्जादेंनशीन सूफी सफीउद्दीन सादी मियां के मार्गदर्शन में सभी दर्शनार्थियों के रुकने और लंगर का इंतेजाम किया गया। साथ ही मेडिकल सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया। हज़रत ख्वाजा जलालउद्दीन खिज्र रूमी शाह र.अ. जिन्हें सब रूमी बाबा के नाम से जानते हैं,प्रेम, करुणा,सदभाव, परम सत्य की खोज में सहायक के रूप में विख्यात हुये और आज भी इसी परंपरा को निभाते हुये सूफी सफीउद्दीन सादी मियां लोगों को फैजेयब कर रहे हैं। पांच दिन चलने वाले इस उर्स में सभी गणमान्य लोग,प्रशाशनिक अधिकारी,नेता,मंत्रीगणों ने भी चादर शरीफ पेश करके अपनी मन्नत मांगी। उर्स पाक को सफल बनाने में सूफी कलामुद्दीन जामी,सूफी आरिफ,इनामुद्दीन सूफी,सूफी जावेद,सूफी जुनैद,सूफी नावेद,सूफी अयाज ,सूफी नवाज,सूफी हेमंत,सूफी राजू,सूफी अरविंद,सूफी संतोष,सभी भाई,महिलाओं और मीडिया का योगदान रहा।

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