गम्हरिया। कोरोना ने कई लोगों की जहां जिंदगी लील ली, वहीं सैकड़ों लोगों की जिंदगी भी बदल दी। उनकी सोच को जुनून में बदल दिया। कोरोना में ऑक्सीजन की कमी से मौत को गले लगाते देख तीन शख्स में पेड़ लगाने की ऐसी जुनून जगी कि पूरे जिले में पेड़ लगाने की ठान ली। कांड्रा के समाजसेवी डॉ. योगेंद्र कुमार, गम्हरिया के पर्यावरण विद मानव कुमार प्लाजा एवं खरसावां के किसान धनपद महतो ने वन महोत्सव के अवसर पर 1 जुलाई को पेड़ लगाने का संकल्प लिया, और महज 11 दिनों में 11 सौ पेड़ लगाने का कीर्तिमान स्थापित कर अपनी जुनून को आगे बढ़ाने के प्रयास में जुट गया।
गम्हरिया के बाद पहुंचा खरसावां
गम्हरिया के कांड्रा, गम्हरिया, दुगनी के विजयतरण आश्रम समेत कई जगहों पर पेड़ लगाने के बाद खरसावां में पौध रोपण का कार्य शुरू किया गया है। रेंगोगोडा में विभिन्न प्रजाति के करीब 3 सौ से अधिक पौधे का रोपण किया गया है। किसान सह समाजसेवी घनपत महतो के सार्थक प्रयास से कुल 3 सौ विभिन्न प्रजाति के फलदार छायादार एवं औषधीय पौधों का रोपण किया गया है। घनपत महतो एवं पत्नी सुभद्रा देवी के द्वारा विधिवत भूमि की पूजा अर्चना कर गणमान्य लोगों की उपस्थिति में पौध रोपण किया गया।
सरकारी कार्यालय परिसरों में लगेंगे पौधे
घनपत महतो ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों एवं सरकारी कार्यालय परिसर को पौधे से आच्छादित किया जाएगा। सदर अस्पताल, समाहरणालय से लेकर सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालयों में सैकड़ों पेड़ लगाने का निर्णय लिया गया है। डॉ. योगेंद्र ने बताया कि अगले पर्यावरण दिवस से पूर्व जिले में दस हजार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुहिम को आगे बढ़ाने में ये कर रहे सहयोग
पर्यावरण रक्षा के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक निर्मल दास ,डॉ. ज्योति कुमार सिंह, डॉ. सुजीत, उच्च विद्यालय बुरुडीह के शिक्षक धर्मेंद्र महतो, सीआरपी कालीपद महतो एवं राम बाबा आश्रम दुगनी के दो संतों का सहयोग है। वे सभी अपने-अपने हाथों से वृक्षारोपण कर लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदना स्थापित करने तथा जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं।
कोविड ने बताया ऑक्सीजन का महत्व
पेड़ लगाने की मुहिम में जुटे तीनों शख्स ने बताया कि प्रत्येक वर्ष उनके द्वारा बरसात में दो -चार पौधा लगाकर उनका लालन पालन करते थे। किन्तु, इस वर्ष कोविड-19 के दूसरे लहर ने उन्हें ऑक्सीजन के महत्व को बताकर उन्हें पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा दी। इससे उत्प्रेरित हो समुचित वैज्ञानिक तकनीकों की जानकारी प्राप्त की और पेड़ लगाना शुरू कर दिया।