बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का बिछेगा जाल : प्रभाकर मिश्र

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बढ़ेगी किसानों की आय , युवाओं को मिलेगा रोजगार |

गया । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने कहा है कि एनडीए सरकार में बिहार आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। डबल इंजन की सरकार में विकास की रफ्तार कैसे दोगुनी होती है, बिहार इसका नमूना है।

मिश्र ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान एक्शन मोड में हैं, वे बिहार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए पूरी तत्परता से लगे हैं।केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने दो दिन पूर्व पटना में खाद्य एवं संबद्ध क्षेत्रों के उद्योग जगत के नेताओं और सूक्ष्म उद्यमियों के साथ उद्योग गोलमेज बैठक की है।

इस बैठक से निश्चित रूप से बिहार को लाभ होगा और उद्यमी निवेश करने को आगे आएंगे। बिहार में मेगा फूड पार्क्स, कोल्ड चेन, एफपी एंड प्रीरिजर्वेन कैपिसिटीज, बैकवर्ड एंड एफडबल्यूडी लिंकेज, एचआऱ एंड इंस्टीच्यूशन, एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर, फूड सेफ्टी एडं क्वालिटी एस्सुरेंस और ऑपरेशन ग्रीन्स जैसे उद्यम अब बिहार की जमीन पर दिखेंगे।

मिश्र ने कहा कि केला, आम, लीची, मक्का, मखाना और आलू उद्योग से जुड़े किसानों इन खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों से काफी लाभ मिलेगा और वह दिन दूर नहीं, जब बिहार के किसानों की आय दोगुनी हो जायेगी। मिश्र ने कहा कि एनडीए सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी पहल करते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों के दौरान 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2 लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों के उन्नयन और स्थापना के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना-पीएम सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण योजना पीएमएफएमई को लागू कर रहा है।

इसमें से अगले पांच वर्षों के लिए 469.73 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ बिहार को कुल 10,261 इकाइयां आवंटित की गयी हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग बिहार के विकास की दिशा में माइलस्टोन साबित होंगे।

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