गणतंत्र समूह,, के अगुआई में झरिया अंचलधिकारी को सौपा गया हस्ताक्षरित मांग पत्र

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झरिया | गणतंत्र समूह,, के अगुआई में आज झरिया अंचल प्रसाशक अंचलधिकारी को एक हस्ताक्षरित मांग पत्र सौपा गया जिसमे, 17 जून को देव-प्रभा कम्पनी के एम. डी. कुम्भनाथ सिंह के द्वारा सुरक्षित खनन से जानमाल के रक्षार्थ स्थानीय दलित परिवार अपने गुहार लगाने गए थे |

जिसमे यह सवाल उठाया कि खनन के दौरान हैवी ब्लास्टिंग से उड़ रहे पत्थरो से जान माल कि हानि हो सकती है ! विरोध कर रहे औरतो और बच्चो पर लाठियां चलाई उन्हें मारा पिता गया बात का विरोध कर रहे बहुज नेता जागो भुइयां जब सामने आये तब एम. डी. ने उन्हें और अन्य को जाति सूचक गलिया दी पिस्टल से फायर किया कई राउंड गोली चलाई भगदड़ मच गई इसी दौरान एम. डी. ने जागो भुइयां को गोली मार दी !

गोली उनके बाये हाथ के केहुनी में लगी जिनके इलाज के लिए स्थानीय पुलिस ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया ! वहाँ उनके ब्यान पर हत्या का प्रयास में गोली चलाना, अनु. जाति / जन जाति निवारण अधिनियम में कांड 46/2024 अंकित कि गई ! संवाहक के रसूक के वजह से अब गिरफ्तारी सम्बंधित कार्यवाही नहीं किए जाने से आक्रोशित बहुजन समाज ने हजारो कि संख्यां में 29 जून को जिला मुख्यालय पर एक- दिवसीय धरना प्रदर्शन के कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग उपायुक्त, वा वरीय पुलिस अधीक्षक से की ! इस सम्बन्ध में झरिया प्रसाशन के द्वारा सम्बंधित घटना पर गंभीरता नहीं दिखाने पर यह मांग पत्र अंचल, को दी गई !

यदि इस घृणित घटना पर तत्काल कार्यवाही नहीं की गई तब लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रसाशन के विरुद्ध व्यापक संघर्ष की जाएगी ! इस अवसर पर मांग करते है घटना पर परदा डालना या अन्य प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नहीं करने की बात कही !

यह भी मामला उठाया कि इस वीभत्स घटना को दबाने के लिए देव प्रभा कम्पनी ने 19 जून को अपने रसूक के बल पर फर्जी मुकद्दमा किया है जिसका सच्चाई से कोई सरोकार नहीं है सिर्फ पीड़ित को कमजोर करने कि साजिश है बताया, इसे ख़ारिज करे और गिरफ्तारी कि कार्यवाही शीघ्र हो अन्यथा झरिया में कम्पनी के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा बताया ! इस अवसर पर समूह के संयोजक प्रेम बच्चन, कैलाश रजक, हरेराम पंडित, गौरी कुमार चेता, राजा राम भुइयां, जय कुमार, देवीलाल भुइयां, महेश भुइयां, जफरू अंसारी, दिनदयाल राम, रविंद्र प्रसाद, शिवदत्त कुमार, सहित अन्य शामील थे !

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