झूठ बोलकर अपने ही जाल में फंस रहे तेजस्वी
गया । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव की स्थिति ‘चोर मचाये शोर’ जैसी है। बिहार में कौन नहीं जानता कि पति-पत्नी के शासनकाल में पुल-पुलियों की स्थिति क्या थी। नये पुल-पुलिया बनाने की बात तो दूर, अंग्रेज के जमाने के बने पुल-पुलियों की मरम्मत तक नहीं करवायी गयी है। क्योंकि तब के मुख्यमंत्री को चारा खाने और अपने दरबारियों के साथ नाच देखने से फुर्सत नहीं थी।
आदम जमाने के बने पुल कब गिरकर बड़े हादसे में तब्दील हो जाएंगे, कहना मुश्किल था। पुराने जमाने के बने पुल इतने संकरे थे कि घंटों जाम लग जाता था। पुलिया पर कोई भैंस आ जाती थी, तो पुलिया के दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग जाती थी। मिश्र ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जिसके मकान शीशे के हों, वे दूसरों के मकान पर पत्थर नहीं फेंकते।
पढ़ने -लिखने से तो तेजस्वी जी का कोई वास्ता रहा नहीं, इसलिए बिना अध्ययन किये और बिना जानकारी लिए, जो मन में आया बोल देते हैं। तेजस्वी यादव को यह जानकारी होनी चाहिए कि जिन पुलों को ध्वस्त होने की बात कही जा रही है, उनका निर्माण 20-30 साल पहले हुआ था। तेजस्वी को बताना चाहिए कि 20-30 साल पहले बिहार में किसका शासन था।
मिश्र ने कहा कि पुल गिरने की मूल वजह कई जगहों पर नदी के रूट का बदलना है। रूट बदलने के कारण ही पुल गिरने की घटनाएं हुई। फिर भी घटना की पूरी जांच हो रही है और दोषी कभी भी बख्शे नहीं जाएंगे।