केंदुआडीह। श्याद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो जमीन पर पडे इस प्रतिमा को नही जानते होगें देश मे वर्तमान समय मे देश की आजादी मे अग्रणी भूमिका निभाने वाले नेताओ की पूण्यतिथि और जन्मदिवस पर कुछ छुटभैया नेता और कुछ बडे नेताओ के द्वारा ना जाने कितने कार्यक्रम का आयोजन करते और लम्बी चौडी भाषण तैयार करके भाषण देते है |
और अन्त मे अपना भाषण यह कह कर समाप्त करता है कि आज हमे इनके पदचिन्हो पर चलने की जरूरत है और इनके आदर्शो को अपनाने और जन जन तक पंहुचाने की जरूरत है तभी हम एक विकसित भारत की कल्पना कर सकते है पर जमीन पर गिरी ये प्रतिमा कोई ऐरे गेरे की नही बल्कि देश की आजादी मे अग्रणी भूमिका निभाने बाले सुभाष चन्द्रबोस की है जिनके जन्मदिन को इस देश मे युवा दिवस के रूप मे मनाया जाता है |
जमीन पर गिरी इस प्रतिमा आपको धनबाद रांची मुख्यमार्ग कर करकेन्द पानी टंकी की समीप मिलेगी जमीन पर गिरी इस महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस प्रतिमा को आते जाते हजारों भारतीय प्रतिदिन देखते हैं लेकिन किसी ने भी इस महान विभूति को जमीन से उठाकर वास्तविक दशा में नहीं रखी है जबकि पुटकी थाना के द्वारा इन क्षेत्रों में प्रतिदिन गश्ती की जाती है लेकिन किसी भी पुलिस पदाधिकारी की इस पर ध्यान नहीं गया या देखने के बाद भी अनदेखा कर दिया गया है |
क्या इस महान देशभक्तों ने अपनी कुर्बानी इसीलिए दी थी कोयलांचल में बीसीसीएल के जमीन पर अपना हक जमाने वाले लोगों की संख्या बड़ी तादाद में बढ़ रही है वे लोग बीसीसील की जमीन पर अपना कब्जा करने के लिए या तो मन्दिर बना देते है या फिर महान क्रांतिकारी के प्रतिमा स्थापित का बीसीसीएल के जमीन को कब्जा कर लेते हैं इसका ताजा उदाहरण आपको रोड के किनारे पड़े बहुत सारे ऐसे जमीन भी मिल जाएंगे जिस पर अवैध रूप से किसी न किसी लोगों का कब्जा है इसी क्रम में करकेन्द पानी टंकी के समीप भी कई वर्ष पहले कुछ छूटभैया नेता के द्वारा सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित कर उसे भूखंड पर अपना कब्जा जमाया था |
लेकिन आने वाले समय मे इस भूखंड से उस तथाकथित नेता को कोई फायदा नही हुआ होगा ऐही वजह है कि वो तथाकथित नेता अब इस और ध्यान नही दे रहे है कम से कम कांग्रेस भाजपा आजसू झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के नेताओ को तो इस पर ध्यान देना चाहिए लेकिन नही इन नेताओ का ध्यान तो आउटसोर्सिंग कंपनियों में कब्जा करने को लेकर है की कितने मेरे पार्टी से आउटसोर्सिंग कंपनियों में रखा जाना चाहिए क्योंकि वहां से इनका फायदा होता है अब देखना यह है कि इस महान स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा को कौन स्थानीय नेता या सामाजिक संस्था उचित स्थान देकर इनके साथ न्याय करता है