पानी की कमी हुई तो अकेले खोद डाला तलाव ! धनबाद के वाटर मैन

0 Comments

धनबाद/ निरसा के महरायडीह निवासी गांव के भोलानाथ के सभी आश्चर्य चकित हो गए हैं। चार साल की अथक मेहनत से इन्‍होंने एक तालाब बनाया। अब दूसरा खोदने में जुटे हैं। इससे गांव में पानी की समस्या काफी हद तक दूर हो गई है।

धनबाद का निरसा प्रखंड महरायडीह गांव में एक किसान भोलानाथ सिंह। अब 60 वर्ष के हो चुके हैं, लेकिन उत्साह नौजवानों सा है। जिद, जुनून और धुन के पक्के भोलानाथ बोलने से ज्यादा काम करने में भरोसा रखते हैं, इसलिए ज्यादा बातें नहीं करते, अपने काम में लगे रहते हैं। उन्होंने अपने गांव में पानी का संकट देखा तो इसका समाधान ढूंढने में लग गए। ढाई दशक पहले एक दिन बहुत सोच-विचार कर इस नतीजे पर पहुंचे कि बारिश में व्यर्थ बह जाने वाली पानी सहेज कर वह पूरे गांव के किसानों के लिए पानी का इंतजाम कर सकते हैं।
इस पर उन्‍होंने गांव के लोगों से बात की, लेकिन लोगों ने इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद भोलानाथ अकेले ही पानी के लिए पसीना बहाने लगे। उनके पास खेती लायक थोड़ी जमीन है। इसी के एक हिस्से पर उन्होंने अकेले ही तालाब खोदना शुरू किया। वह रोज सुबह घर से कुदाल-फावड़ा लेकर निकलते और दिनभर तालाब खोदने के बाद शाम ढलने तक वापस आते। इस क्रम में कई बार घरवालों से लेकर समाज और गांव के लोगों ने उनका मजाक भी उड़ाया, लेकिन वह तनिक भी नहीं डिगे। सारे गांव वाले उनके परिवार वाले उन्हें मजाक उड़ाते थे मगर किसी की एक नहीं सुनी और अपने कार्य को निष्ठा पूर्वक करते रहें लगभग यह कार्य 4 वर्षों तक चलता रहा और 1 दिन सफलता के सीढ़ी पार कर चुका

रंग लाई मेहनत अब दूसरा तालाब खोदने की तैयारी में

भोलानाथ ने चार साल 3 महीने की हाड़तोड़ मेहनत कर 1998 में 50 फीट व्यास का तालाब तैयार कर लिया। तालाब तैयार हुआ तो लोगों ने उनकी मेहनत की खुले दिल से सराहना की। साथ ही उनकी मेहनत और जुनून के कायल हुए। आज फसलों की सिंचाई से लेकर अन्य कार्यों के लिए इस तालाब का उपयोग पूरा गांव करता है

भोलानाथ पर ग्रामीणों को गर्व

एक समय था जब कई ग्रामीण भोलानाथ को देख कर हंसते थे। कहते थे, इसका दिमाग खिसक गया है। लोगों को विश्वास नहीं था कि वह अकेले तालाब खोद सकेंगे। जब तालाब बनकर तैयार हो गया तो सभी उनकी मेहनत और लगन के कायल हुए। गांव के शिवकुमार सिंह, वीरेंद्र सिंह, बीरबल सिंह, गोपाल सिंह कहते हैं कि जल संरक्षण के प्रति ऐसे जुनून को वह सलाम करते हैं। भोलानाथ के जुनून से सबको सबक लेनी चाहिए।

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *