धनबाद संसदीय क्षेत्र के लिए कांग्रेस प्रत्याशी बदलने की मांगऔर विरोध प्रदर्शन

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धनबाद | धनबाद संसदीय क्षेत्र के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में धनबाद जिला से बहार के प्रत्याशी बनाये जाने पर कांग्रेस कर्मी, धनबाद संसदीय क्षेत्र के लिए कांग्रेस प्रत्याशी रोष व्याप्त है जिले की सभी विधानसभा क्षेत्रों से प्रत्याशी बदलने की मांग कांग्रेस कर्मियों और मतदाताओं के तरफ से हो रहा है। आज का यह विरोध प्रदर्शन में हम सभी कांग्रेस कर्मी और मतदाता कांग्रेस आलाकमान से मांग करते है कि पार्टी हित में धनबाद लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी पर पुनर्विचार किया जाये।
हम कांग्रेस कर्मी लगातार पांच वर्षो तक सड़क पर संघर्ष करते है और चुनाव आने पर 2019 में भागलपुर से कीर्ति झा आज़ाद तो वर्तमान 2024 में बेरमो विधायक जयमंगल सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह जो कि कांग्रेस पार्टी कि सक्रिय सदस्य भी नहीं है, किसी कांग्रेस के कार्यकर्ता को पहचानती तक नहीं है । किस मापदंड पर इन्हे प्रत्याशी बना दी गई है ? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री राजेश ठाकुर और प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने आलाकमान को गुमराह कर प्रत्याशी बनवाने का काम किया है । यह निश्चित रूप से एक षड्यंत्र के तहत राहुल गाँधी जी के स्लोगन ” जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी” के तहत पिछड़ा , दलित , आदिवासी, अल्पसंख्यक समाज को हिस्सेदारी दिलाने के संकल्प और सोंच का अपमान और मजाक उडाया गया है। झारखण्ड का गठन जिस झारखंडियात की भावना पर किया गया था उसके ऊपर एक कुठाराघात है। राहुल जी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा से यहाँ के बहुशंख्यक समाज कांग्रेस के लिए गोलबंद हुआ था पर झारखण्ड कांग्रेस प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के अदूरदर्शी सोच से काफी निराशा हाथ लगी है। यह निर्णय धनबाद से भाजपा की बड़ी जीत का मार्ग प्रशस्त करती नजर आती है।
लोकसभा समन्वय समिति की बैठक में प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर साहब ने स्थानीय नेताओं के अनुरोध पर आश्वस्त किया था कि धनबाद जिला से स्थानीय प्रत्याशी दी जाएगी। पर प्रत्याशी घोषणा पर उक्त मापदण्ड का पालन नहीं हुआ है। उक्त घोषणा से धनबाद जिला के स्थानीय प्रत्याशी की अवहेलना की गई है जिससे सभी दावेदार निराश, हताश हुए है।
आज हम सभी कांग्रेसी कर्मी, मतदाता, सिविल सोसायटी के सदस्य कांग्रेस आलाकमान से मांग करते है की कांग्रेस पार्टी के हित में प्रत्याशी बदल कर स्थानीय नेता को प्रत्याशी बनाया जाए। अगर कांग्रेस पार्टी धनबाद लोकसभा के प्रत्याशी पर पुनर्विचार नहीं करती है तो हम सब सामूहिक रूप से कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा देंगे साथ ही आने वाला विधानसभा में भी इसका परिणाम पार्टी को भुगतना पड़ेगा।

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