इंसाफ की मांग को लेकर हाई कोर्ट और राज्य सरकार से गुहार लगाई

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धनबाद | धनबाद शास्त्री नगर बैंक मोड़ के रहने वाले अमरीक सिंह खनूजा ने आई. सी. आई. सी. आई. बैंक, से 6 लाख का लोन (Floting rate) के आधार पर वर्ष 2007 में लिया था जिसके लिए बैंक की ओर से लोन पेमेंट के लिए 01.01.2007 जनवरी से दिसम्बर 2016 तक की अवधी निर्धारित की गयी थी और 120 माह तक रू. 8266/- की EMI का एकरारनामा हुआ था।वही बैंक ने लोन अवधि समाप्त होने के बाद भी अमरीक सिंह खनूजा के सेविंग खाते से 75 एक्स्ट्रा EMI काट लिया गाय।पीड़ित ने बताया कि वर्ष 2006 में आइसीआइसीआइ बैंक से उन्होंने ₹6 लाख का लोन लिया था जिसके लिए प्रत्येक माह ₹8266 के हिसाब से 120 ईएमआई निर्धारित की गई थी जो मेरे सेविंग अकाउंट से ही काटा गया लेकिन 120 EMI जमा होने के बाद भी बैंक के द्वारा लगातार EMI कटौति की गई और 195 EMI मेरे अकाउंट से काटे गए वही 195 ईएमआई के बाद सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करना बंद कर दिए थे जिस वजह से बाकी EMI नहीं काटा गया है।पीड़ित में आगे बताया कि एमी की आखिरी अवधि दिसंबर 2016 थी इसके बाद मैं अपनी पत्नी के साथ बैंक प्रबंधक से मिलने पहुंचा था जहां उन्होंने बताया कि बैंक 205 एमी चार्ज कर रही है और यही अमाउंट आपको देना पड़ेगा

वही बैंक के द्वारा ऐसे रवैया के बाद हमने कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां 2019-20 और 21 मे लगातार 47 तारीखों के बाद केस की Judgement 02.03.2023 को फैसला मेरे पक्ष में सुनवाया था।तब तक बैंक मेरे Saving A/c से 120 की जगह 195 EMI’s ले चुका था 01 मार्च 2023 तक। 75 EMI ज्यादा ली गयी थी।2 मार्च 2023 को दोषी करार देते हुए बैंक को दो माह के अंदर ज्यादा ली गयी EMI’s 10% Interest, 50 हजार का जुर्माना और 10 हजार Consumer की परेशानी के लिये आदेश दिया गया।जज साहेब ने मुझे बधाई दी और कहा कि आप जीत गये है अब आपको EMI नहीं देनी है।अगले माह यानि 7 अप्रैल 2023 को मेरे बेटे ने मेरे Account में 25000/- (पच्चीस हजार) रू. भेजवाये थे और मेरे मोबाईल पर मैसेज (बैंक का) आया और ठीक 10 मिनट के बाद मेरे खाते में 18135/- काट लिये गये। बाकी बचे पैसे भी काट लिये गये।2 माह के बाद जब बैंक ने मुझे पैसे नहीं दिये तो Consumer Court से Showcause Notice Bank Manager को भेजा गया।फिर बैंक ने Ranchi Consumer कमिश्नरी में अपील की। मुझे भी वहाँ Advocate के द्वारा पुन: Case File करना पड़ा।अब विडंबना यह है कि राँची में भी Judge Saheb नहीं है और कंज्यूमर Court का काम ठप्प पड़ा है।उन्होंने मीडिया केमाध्यम से झारखंड सरकार को निवेदन कंज्यूमर कोर्ट कि जल्द से जल्द Consumer Court कमिश्नरी का कार्य आरंभ करवाया जाये और इंसाफ मिले।

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