पॉक्सो एक्ट विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया

गया।महिला एवं बाल विकास निगम के निर्देश के आलोक में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार , गया के कार्यालय में पॉक्सो एक्ट विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। सचिव, ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार,गया द्वारा पॉक्सो एक्ट के बारे में बारीकी से बताया गया है। पॉक्सो एक्ट का मतलब यौन शोषण के विरुद्ध बच्चों का संरक्षण अधिनियम है। इसे बाल दिवस 14 नवंबर 2012 के अवसर पर लागू किया गया था। इस अधिनियम को लाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को यौन शोषण से बचाना व दोषी व्यक्ति को कठोर से कठोर सजा दिलाना है। इस अधिनियम में 18 वर्ष से कम उम्र के लड़का हो या लड़की सभी को बच्चा माना गया है।

यदि किस बच्चे के साथ यौन शोषण होता है तो बिना डर भय के वे अपने अभिभावक, शिक्षक, मुखिया, सरपंच, थाना इत्यादि स्थानों पर समस्या दर्ज करा सकते है। यह एक्ट इतना कठोर है कि इस अधिनियम के तहत दोषी व्यक्ति को फांसी की सजा या अजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है।ज़िला प्रोग्राम पदाधिकारी द्वारा कहा गया की पॉक्सो एक्ट पर ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से गया ज़िला अंतर्गत सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं अतिरिक्त प्रभार वाले प्रखंड की महिला पर्यवेक्षिका को प्रशिक्षण दिया गया है। ये लोग भविष्य में बतौर मास्टर प्रशिक्षक अपने प्रखंड में अन्य को प्रशिक्षण देने एवं जागरूक करने का कार्य करेंगे।इस प्रशिक्षण में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार गया, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी गया, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी , जिला परियोजना प्रबंधक, महिला एवं बाल विकास निगम, जिला मिशन समन्वयक, जेंडर स्पेशलिस्ट डीएईडब्लु, महिला पर्यवेक्षिका एवं अन्य कर्मी उपस्थित हुए।

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