शहरी नक्सलवादी वरवरा राव को प्रतिभू (जमानत) मिल सकती है, तो ‘कोविड’ ग्रस्त पू. आसारामजी बापू को क्यों नहीं । हिन्दू जनजागृति समिति

0 Comments

सुनील बर्मन बाघमारा ब्यूरो चीफ

कतरास। आसारामजी बापू को कारागृह में कोरोना संक्रमण होने पर भी उन्हें समय से उपचार न मिलने के कारण जोधपुर के महात्मा गांधी चिकित्सालय में स्थानांतरित किया गया, इससे राजस्थान सरकार की लापरवाही दिखाई देती है । ८० वर्ष आयु और अनेक रोगों से ग्रस्त बापूजी की कोरोना की दृष्टि से देखभाल करना सरकार का कर्तव्य है । सरकारी तंत्र उनकी आवश्यक देखभाल करेगा, ऐसी संभवाना दिखाई नहीं देती । अत: उन्हें उचित और त्वरित उपचार मिलने के लिए उन्हें त्वरित प्रतिभू (जमानत) प्रदान करें, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने की है ।महाराष्ट्र के अनेक कारागृहों में कोरोना का संक्रमण फैलने के कारण सरकार ने अनेक कैदियों को प्रतिभू (जमानत) प्रदान कर मुक्त किया है । शहरी नक्सलवादी वरवरा राव पर तो प्रधानमंत्री मोदी की हत्या के षडयंत्र रचने का आरोप होते हुए भी उनकी उम्र तथा बीमारी ध्यान में रखकर उन्हें प्रतिभू (जमानत) दी गई । प.पू. बापूजी को तो कोरोना हुआ है, तब उन्हें भी प्रतिभू (जमानत) क्यों न प्रदान की जाए ? । पू. बापूजी को कोरोना होने पर त्वरित चिकित्सालय में स्थानांतरित न कर, चार दिन उपरांत स्थिति बिगडने पर चिकित्सालय में क्यों स्थानांतरित किया गया ? इससे यही दिखाई देता है कि सरकार हिन्दू समाज और हिन्दू संत के संदर्भ में संवेदनहीन है ।
हिन्दू जनजागृति समिति पू. आसारामजी बापू के उत्तम स्वास्थ्य के लिए ईश्‍वर के चरणों में प्रार्थना करती है । पू. आसारामजी बापूजी को शीघ्रातीशीघ्र उत्तम चिकित्सालय में उपचार मिले और उन्हें प्रतिभू (जमानत) प्रदान की जाए, ऐसी हम मांग करते हैं ।

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *