सीयूएसबी में एनईपी – 2020 की तीसरी वर्षगांठ उत्सव सप्ताह का शुभारंभ

गया।देश भर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगांठ को मनाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इसी क्रम में दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) 24 – 28 जुलाई के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ उत्सव के अंतर्गत कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है ।जन सम्पर्क पदाधिकारी पीआरओ ने बताया कि सीयूएसबी की तरफ से शिक्षक शिक्षा विभाग (डीटीई) को (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगांठ के कार्यक्रमों को आयोजन करने की ज़िम्मेदारी दी गई है जिसका औपचारिक उद्घाटन सोमवार (24 जुलाई) को मालवीय भवन के सभागार में किया गया है | इस कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ और इसके बाद स्कूल ऑफ एजुकेशन के डीन प्रोफेसर रविकांत ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि एनईपी 2020 महज कुछ पन्नों का दस्तावेज न होकर देश के विकास की दिशा और सीमा तय करने वाली योजना है।इस कार्यक्रम समन्वयक डॉ. तरूण कुमार त्यागी ने कार्यक्रम का संक्षिप्त परिचय दिया और कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य हितधारकों के बीच एनईपी-2020 और इसके कार्यान्वयन के बारे में सोच-व-समझ विकसित करना है। उन्होंने कहा कि साप्ताहिक कार्यक्रम के अंतर्गत विभाग विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए क्विज और पोस्टर प्रतियोगिताओं का आयोजन करने जा रहा है | इसके साथ – साथ व्याख्यानों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी जिनमे प्रो. वेंकटेश आईक्यूएसी समन्वयक, प्रो. पवन मिश्रा डीएसडब्लूऔर प्रोफेसर रतिकांत कुंभार प्रमुख, अर्थशास्त्र विभागमुख्य वक्ता होंगे।उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता प्रो.ब्रजेश कुमार डीन, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने ‘उच्च शिक्षा में अनुसंधान’ विषय पर कहा कि उच्च शिक्षा के विश्व रैंकिंग सूचकांक में स्थान सुनिश्चित करने के लिए हमें गुणवत्तापूर्ण शोध करने की जरूरत है। एनईपी-2020 गुणवत्तापूर्ण शोध पर केंद्रित है और इसलिए इस दिशा में कई सराहनीय पहल की गई हैं ‘प्रदर्शन आधारित रिसर्च फंडिंग उनमें से एक है। उन्होंने कहा कि नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, विश्वविद्यालय स्तर पर किए गए शोधों की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक शोध सेल बनाने और एक शोध डीन नियुक्त करने की सख्त जरूरत है।सीयूएसबी के शिक्षक शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. रवींद्र कुमार ने शिक्षा में आईसीटी: एनईपी 2020 विषय पर बोलते हुए कहा कि भारत सरकार की विभिन्न पहलों यानी ई-पीजी पाठशाला, दीक्षा, स्वयं आदि के बारे में चर्चा की। डॉ. नृपेंद्र वीर सिंह (सहायक प्राध्यापक) ने ‘एनईपी 2020 के आलोक में शिक्षक शिक्षा’ पर अपने विचार साझा किए हैं। उद्घाटन सत्र लेफ्टिनेंट डॉ. प्रज्ञा गुप्ता द्वारा दिए गए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ वहीं कार्यक्रम का संचालन डीटीई की सहायक प्राध्यापक डॉ. स्वाति गुप्ता ने किया है | इस अवसर पर प्रो. किरण कुमारी, प्रो. विजय शर्मा, डॉ. मितांजलि, डॉ. रिंकी, डॉ. किशोर, डॉ. संदीप और विश्वविद्यालय के छात्र उपस्थित थे।

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