जगजीवन बाबू के जीवन से सीख लेने की जरूरत – अरुण मंडल

भुली। जगजीवन बाबू के 115 वी जयंती 5 अप्रैल को मनाई जाएगी। कांग्रेस पार्टी के ओबीसी मोर्चा भुली नगर अध्यक्ष अरुण कुमार मंडल ने जगजीवन बाबू के जयंती पर उनके जीवन से सीख लेने की बात कही।
अरुण कुमार मंडल ने कहा कि।स्वतंत्रता सेनानी भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम जी का जन्म 5 अप्रैल 1908 बिहार के भोजपुर जिला एक छोटे से गांव चंदवा में हुआ था बाबू जगजीवन राम गरीबों मजदूरों और वंचितों के मसीहा थे बाबू जगजीवन राम एक योद्धा की तरह थे उन्होंने जिंदगी में कभी हार नहीं माने उनका पूरा जीवन देशहित और वंचितों के हितों के लिए संघर्ष करते बिताए उन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना स्थान बनाए थे शोषित और उत्पीड़ित दलित समाज के आंसू ही नहीं थे बल्कि उनका आक्रोश और उनकी आशा भी थे। देश संविधान लागू होने के बाद 1952 में सासाराम संसदीय क्षेत्र से प्रथम बार लोकसभा के लिए सदस्य चुने गए 1952 से 1956 के बीच परिवहन और रेल मंत्री रहे उनके रेल मंत्री के कार्यकाल में पहली बार अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के सरकारी कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण का आदेश जारी किए। 1967 से 1970 तक खाद कृषि और सिंचाई मंत्री के रूप में हरित क्रांति का नारा दिए और देश को खाधान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। जब वे रक्षा मंत्री थे तब भारत ने 1971 का युद्ध जीता था। बाबू जगजीवन राम जी कांग्रेस के सच्चे नेता थे।

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