बिहार सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत में बताया कि सरकार दलाई लामा के सेटर की स्थापना
गया।बिहार सरकार द्वारा द दलाई लामा सेटर फार तिब्येतीएन एण्ड इण्डीयण एणीसियेण्ट विस्डम की स्थापना का महत्व को ध्यान में रखते हुए बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाई है। द दलाई लामा ट्रस्ट को इस संस्थान की स्थापना के लिए निःशुल्क भूमि बोधगया के प्रमुख स्थल पर दिये जाने से लेकर संस्थान के विकास हेतु हर पहलू पर आवश्यक सहयोग बिहार सरकार द्वारा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार के दूरगामी सोंच के अनुरूप परम् पावन दलाई लामा के सिद्धांत को परिलक्षित करने वाले संस्थान बोधगया में महाबोधि मंदिर के ढाई किलोमीटर की परिधि में स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री का इच्छा है कि महापावन दलाई लामा जी के सोंच एवं सिद्धांत बोधगया के पावन धरती पर निरंतर मूल्यों के रूप में बने रहे हैं।
बिहार सरकार द्वारा द दलाई लामा ट्रस्ट को इस संस्थान के स्थापना हेतु – बोधगया में प्रमुख तीन स्थल – ऑक्स होटल के सामने, दुमोहन से 150 मीटर पूरब एवं मगध विश्वविद्यालय के सामने कुल 30 एकड़ भूमि 99 साल के लिए लीज पर दिनांक 08.09.2020 को हस्तांतरण हुआ है। और इसके अतिरिक्त मैत्रीय सोसाईटी एवं द दलाई लामा ट्रस्ट के बीच 30 एकड़ भूमि के लीज एग्रीमेंट के द्वारा 99 वर्षों के लिए द दलाई लामा ट्रस्ट को अंतरित किए गए दस्तावेज के निबंधन पर मुद्रांक शुल्क एवं निबंधन शुल्क का शत्-प्रतिशत छूट दिनांक 25.07.2022 को प्रदान की गई है मालूम है कि कुल सोलह करोड़ छियासठ लाख अस्सी हजार समतूल्य छूट दी गई। यह भू-खण्ड सरकार द्वारा इस स्थल पर दिए गए 10 एकड़ भूमि के साथ अवस्थित है। इसी भू-खण्ड में निर्माण कार्य तत्काल प्रारम्भ किया जाना है। शेष भू-खण्ड भविष्य में विकसित किया जाना है।
निर्माण स्थल पर लगभग पन्द्रह लाख के समतूल्य बिजली, पोल, ट्रांस्फॉर्मर, तार शिफ्टिंग का कार्य ऊर्जा विभाग द्वारा की गई है।
दलाई लामा सेटर बार तिबेतन एण्ड इण्डीयण एनीयेसेंट विस्डम के उद्देश्य प्राचीन भारतीय एवं तिब्बत ज्ञान को उन्नत करने के लिए स्थापित किया जाना है। तिब्बत के उन्नत संस्कृति के साथ भारतीय संस्कृति को समावेश से विश्व को होने वाले योगदान से संबंधित विषयों का अध्ययन कराया जाना है। यह संस्थान विश्व स्तरीय केन्द्र रहेगा, जिसमें प्राचीन भारतीय सोच एवं वुद्धि के उन्नति हेतु शिक्षा अनुसंधान एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह संस्थान दुनिया भर के लोगों को पावन दलाई लामा के संस्थान एवं ज्ञान को अध्ययन करने एवं उनके चार जीवन मूल्यों को पूर्ण रूप से लागू करने का अवसर प्रदान करेगा।
धर्म को छूए बिना प्रेमपूर्ण दया एवं करूणा के मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना है। सार्वभौमिक उत्तरदायित्व की वैश्विक भावना को बढ़ावा देना है।
दुनिया की धार्मिक परंपराओं के बीच अंतर धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना है।
एक शांतिपूर्ण सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने के लिए स्थानीय एवं क्षेत्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष समाधान के शांतिपूर्ण एवं अहिंसक साधनों को खोज के लिए।इस कार्यक्रम एवं पाठ्यक्रम मुख्य रूप से प्राचीन भारतीय दर्शन, मनोविज्ञान, तर्कशास्त्र, द्वंद्वात्मक एवं 14वें धर्मगुरू महापावन दलाई लामा की चार प्रमुख जीवन प्रतिबद्धताओं पर आधारित होंगे। जिसमें प्रेम, करूणा, दया, क्षमा एवं सहिष्णुता, जैसे बुनियादी मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना है, अंतर धार्मिक सद्भाव और समक्ष को बढ़ावा देना, तिब्बती संस्कृति और पर्यावरण का संरक्षण एवं आधुनिक भारतीय सभ्यता के भीतर आंतरिक विज्ञान की प्राचीन बौद्ध परंपरा का पुनरूद्धार करना है। महापावन दलाई लामा केन्द्र बौद्ध धर्मावलम्बियों के वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और अन्य अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करेगा।