धनबाद। जब एक नारी शिक्षित होती है तभी हमारा समाज अग्रसर हो सकता है. एक अशिक्षित महिला ना तो अपने परिवार का विकास कर सकती है और ना ही समाज का. शिक्षा महिलाओं की रक्षा और अधिकार के लिए उनकी शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। एक सफल राष्ट्र की यात्रा महिलाओं के लिए सार्वभौमिक शिक्षा से आरम्भ होती है। पिछले कुछ वर्षो में नारियों की शिक्षा के दर में वृद्धि हुई है। आज हर क्षेत्र में नारियों का सराहनीय योगदान है वे पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर कार्यशील है। एक विकसित राष्ट्र का सपना तभी पूर्ण हो सकता है जब नारियों की शिक्षा पुरुषों की ही भांति समतुल्य हो तभी ऐसा कहा जाता है कि एक पुरुष का शिक्षित होना उसके स्वयं के शिक्षा का आधार है परन्तु एक महिला का शिक्षित होना उसके सम्पूर्ण परिवार के शिक्षा का मार्ग प्रशस्त होती है। सामाजिक चेतना को दिशा प्रदान करने में नारी शिक्षा अत्यंत आवश्यक है अतः हम सबको महिला सशक्तिकरण के लिए उन्हें उचित शिक्षा प्रदान करने के लिए सदैव सक्रिय रहना होगा। साक्षरता अभियान में महिला को अक्षर ज्ञान की ज्योत जलाकर अशिक्षा का अंधकार मिटा महत्वपूर्ण क्षेत्र में सेवारत हूँ. मेरा लक्ष्य और सपना है कि भारत की हर नारी शिक्षित हो उन्हें उनका अधिकार प्राप्त हो इसके लिए मैं गाँव और छोटे छोटे कस्बों में जाकर असहाय और पीड़ित महिलाओं को शिक्षित करती हूँ क्यूंकि हमारे संविधान में शिक्षा का अधिकार सबको है और इस अधिकार को प्राप्त करवाने में मैं जीवन पर्यन्त प्रयासरत रहूँगी। उक्त बातें साक्षर भारत मिशन की प्रमुख प्रेरक सह आल इंडिया कपड़ा बैंक की रेखा शर्मा ने कही।