छत्तीसगढ़ / जिला राजनांदगांव के खैरागढ़ के उदयपुर में राज परिवार का चल रहा विवाद इतना बढ़ गया कि एसडीओपी को ग्रामीणों के ऊपर लाठी बरसानी पड़ गई। लाठी चलते देख आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस और वहां खड़ी गाड़ियों पर पथराव कर शुरूकर दिया। जिससे माहौल और ज्यादा गरमा गया. उसके बाद ग्रामीणों को नियंत्रित करने एसडीओपी ने पूरे गांव में मार्च पास्ट कराया तथा रात्रि तकरीबन 11 बजे के आसपास प्रशासनिक अधिकारियों के बीच महल को सील किया गया है। लाठी बरसाने की घटना से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
दरअसल यह पूरा मामला स्वर्गीय देवव्रत सिंह की मृत्यु के बाद उपजा है।
बता दें कि देवव्रत सिंह की पत्नी विभा सिंह पर देवव्रत सिंह की पुत्री शाताक्षी सिंह एवं पुत्र आर्यव्रत सिंह द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि विभा सिंह उनसे दुर्व्यवहार करती है और प्रताड़ित भी कर रही है। वही विभा सिंह ने भी कई आरोप देवव्रत सिंह की पहली पत्नी पदमा सिंह पर लगाए थे। पूरा मामला सम्पत्ति विवाद का है। इसी बीच कल 30 दिसम्बर को उदयपुर के महल को खोलना था। जिसे लेकर उदयपुर में माहौल गरमाया हुआ था। विभा सिंह और देवव्रत के पुत्र आर्यव्रत सिंह एवं परिवार के लोग लगभग दोपहर 2 बजे के आसपास उदयपुर पहुंचे और महल के दरवाजा खोलने की कवायद शुरू हुई।
महल का दरवाजा लगभग 5 बजे के आसपास खोला गया। जिसे देखने उदयपुर के ग्रामीण उमड़ पड़े और विभा सिंह के खिलाफ नारेबाजी शुरू की।ग्रामीण महल के बाहर नारेबाजी कर ही रहे थे और महल के अंदर जाने का प्रयास भी किया। एसडीओपी ग्रामीणों को वहां से हटाने के लिए बल का प्रयोग किया। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की गाड़ी सहित आसपास रखी गाड़ियों पर पथराव कर दिया । पथराव में पुलिस की गाड़ी और आसपास रखी चार से पांच गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई । पथराव में कुछ पुलिस जवानो को भी चोंटे आई है।