निरसा (धनबाद) : झरिया। (असलम अंसारी) धनबाद के कोयला शहर से लगभग 48 किमी दूर स्थित है। अंडरग्राउंड पावर स्टेशन वाला बांध पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में मैथन डैम अद्वितीय है। जिस जगह पर मैथन डैम बनाया गया है वह 65 वर्ग किलोमीटर से अधिक फैला हुआ है। मैथन डैम वर्ष 1948 में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी लिमिटेड) द्वारा विकसित किया गया था जिसका बांध लगभग 15712 फीट लंबा और लगभग 165 फीट लंबा है। भूमिगत पावर स्टेशन में बिजली की लगभग 60,000 किलोवाट बिजली उत्पादन क्षमता है और डीवीसी एवं मैथन थर्मल पावर द्वारा बिजली उत्पादन की जाती हैं।मैथन डैम स्वयं एक खूबसूरत झील और खूबसूरत हरे जंगलों के बीच स्थित है। डैम पर प्रत्येक वर्ष लाखो की संख्या में सैलानी घूमने एवं वनभोज मनाने आते हैं साल के दिसम्बर और जनवरी माह में पर्यटकों की संख्या काफी रहती हैं.मैथन डैम को झारखण्ड का स्वर्ग व कियून वैली के भी नाम से जानता हैं. प्राकृतिक की अद्भुत नजारा डैम के आसपास देखने को मिलता है और बड़ा ही मनमोहक दृश्य है लोग डैम की यादों को अपने कैमरे में कैद करते हैं मैथन डैम का मनमोहक झील सुंदर से फूलो की बागान एवं मिलेनियम पार्क लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है झारखंड और बंगाल की सीमा पर मैथन डैम स्थित रहने के कारण बंगाल से भी पर्यटक काफी संख्या में घूमने आते हैं एवं देश के कई राज्यों से सैलानी मैथन डैम का अद्भुत नजारा को देखने बड़ी संख्या में आते हैं खास कर दिसम्बर और जनवरी माह में आते हैं।पिछले दो वर्षों से कोरोना का कहर मैथन डैम पर भी दिखा काफी कम संख्या में यहां पर्यटक दिखे परंतु इस बार ऐसा कयास लगाई जा रही है कि मैथन डैम में अच्छी खासी तादाद में सैलानी आएंगे।दामोदर घाटी निगम डीवीसी की ओर से तैयारियां पूरी।पर्यटकों को लुभाने के लिए दामोदर वैली कारपोरेशन डीवीसी कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रहे हैं पिछले दो-तीन माह से डीवीसी द्वारा डैम की साफ-सफाई रंग रोगन तथा फूलों की बागानों को अच्छी तरह से देख रेख कर रहे हैं ताकि जो भी पर्यटक मैथन आए ओ भूल ना पाय।