तीस फीट ऊँचा भोक्ता खूंटा पर शरीर मे कील चुभा कर श्रद्धालु घूमे
तिसरा।बांग्ला चेत संक्रांति के अंतिम दिन भगवान शिव के उपासको का उत्साह शनिवार को अलकडीहा शिव मंदिर में आयोजित चडक पूजा में खूब देखने को मिला.इस अवसर पर मंदिर परिसर में भोक्ता मेला का आयोजन किया गया.मंदिर के पुजारी विकास मुखर्जी,नवीन ठाकुर,राहुल मुखर्जी,बसंत ठाकुर ने बताया कि चडक पूजा में भगवान शिव व माता काली की विशेष पूजा अर्चना होती है .कहा कि जिन श्रद्धालु की मन्नत पूरी होती है वे एक दिन पूर्व उपवास रखते है .चडक पूजा के दिन श्रद्धालु अपने पीठ,छाती,जांघ, आदि शरीर के अन्य हिस्सों में कील चुभा कर 30 फिट ऊपर भोक्ता खूंटा में भगवान शिव का जयकारा लगाकर परिक्रमा करते है । मुकुंदा के सूरज महतो की ओर से भोक्ता को किंल चुभोने का काम किया जाता है। इस दौरान भूत पिशाच का रूप धारण कर रंगारंग परिधान में रूप धारण कर दर्जनों लोग मेला घूमते नजर आते है .जो बच्चों का आकर्षण का केंद्र होते है .वही मुकुंदा तालाब से जल भर कर 20 मीटर का तार भोला ,किशोर व राजन ने अपने जीभ में डाल कर गाजे बाजे के साथ अलकडीहा बूढ़ा बाबा शिव मंदिर का परिक्रमा कर पूजा अर्चना किया है .इधर दो दर्जन से अधिक शिव भक्त आसपास के दर्जनों गांव के हज़ारों लोग चडक पूजा व मेला में पहुँचे.मंदिर कमिटी ने बताया कि शुक्र
वार को बंगला वैशाख के सुबह में काली मंदिर में श्रद्धालु बकरा का बलि देकर पूजा अर्चना करते है .मौके पर जयंती सिंह,हीरा लाल मोदक,चंडी चरण मोदक, हराधन मोदक,पतितपावन मोदक,दयामयि मोदक,मिन्टू साव,हिरालाल गोराई, श्रीस सिंह,अर्जुन सिंह,नेपाल महतो,कालीचरण महतो आदि थे |